अंबिकापुर –:संत हरकेवल शिक्षा महाविद्यालय में दीपावली रजत महोत्सव का आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ किया गया । जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में श्री राम लखन सिंह पैकरा (जनजाति प्रदेश महामंत्री ) एवं विशिष्ट अतिथिश्री त्रिलोचन सिंह बाबरा(अध्यक्ष संत हरकेवल महाविद्यालय समिति),विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री पवन शर्मा (कोषाध्यक्ष संत हरकेवल महाविद्यालय समिति), श्री सौरभ सिंह तथा महाविद्यालयी परिवार के प्राचार्य डॉ. अंजन सिंह एवं समस्त सहायक प्राध्यापक डॉ. पूजा दुबे, सुमन पाण्डेय, डॉ. रानी पाण्डेय, चंदा सिंह,नीरू त्रिपाठी एवंश्वेता तिवारीने अपनी अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हुए आयोजन को सफल बनाने में विशेष योगदान दिया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती एवं भगवान गणेश की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन और वंदना के साथ हुआ। अतिथियों का स्वागत महाविद्यालय परिवार द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर, स्वागत नृत्य के द्वारा किया गया । वातावरण में उल्लास उत्साह और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला ।इस अवसर पर समूचा महाविद्यालय परिवार दीपों की मनमोहक आभा, साज – सज्जा और उमंग से आलोकित हो उठा ।कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय संस्कृति को समृद्ध करते हुए सामाजिक एकता और सामाजिक सद्भावना के संदेश को प्रबल बनाना था ।
कार्यक्रम का शुभारंम रजत महोत्सव के अंतर्गत मतदाता जागरूकता की शपथ के साथ हुआ, दीप पर्व के अवसर पर प्रशिक्षार्थियों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी । जिनमें नृत्य, गीत, एवं नाटक से सभी का मन मोह लिया ।प्रत्येक प्रस्तुति में आध्यात्मिक भावना को प्रकाशित कर अंधकार पर विजय का संदेश झलक रहा था । भावी शिक्षकों की सृजनशीलता और कलात्मक अभिव्यक्ति ने उपस्थित सभी अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर मानों समय को थाम लिया । यह त्यौहार जीवन में अंधकार से उजाले की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देता है । जो भगवन राम के जीवन को बहुत ही सुंदर और प्रभावशाली ढंग से नाट्य मंचन के सहारे दिखाया गया । जिससे यह संदेश भी दिया गया कि सभी जाति और धर्म के लोग एक धागा में पिरो कर बिखरे हुए फूल नहीं बल्कि एक माला के रूप में सभ्य व सुसंस्कृति समाज हमारे ग्रंथ में विराजित है, जिससे सामाजिक एकता और सद्भाव का संदेश मिलता है ।
कार्यक्रम की आखिरी कड़ी में प्राचार्य महोदय ने कहा दीपावली केवल प्रकाश का पर्व नहीं बल्कि यह मानवता प्रेम और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है । हमें अपने जीवन में भी ज्ञान का दीप जलाना चाहिए और समाज में सकारात्मकता फैलानी चाहिए ।कार्यक्रम के अंत में अतिथियां ने सभी प्रस्तुति की प्रशंसा करते हुए प्रशिक्षार्थियों का उत्साह – वर्धन किया ।
इस पर्व से हमारी प्राचीन परंपराओं और संस्कृति की ग झलक मिलती जो कर्तव्यनिष्ठता और सत्यता पर आधारित है ।
समस्त कार्यक्रम प्राचार्य महोदय डॉ. अंजन सिंह के मार्गदर्शन एवं सहायक प्राध्यापकों के निर्देशन व निरीक्षण तथा बी.एड प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर के प्रशिक्षार्थियों के सहयोग से सम्पन्न हुआ ।
