अंबिकापुर।आज दिनांक 29 अक्टूबर 2025, दिन बुधवार को छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव 2025 के अंतर्गत संत हरकेवल शिक्षा महाविद्यालय में व्याख्यान माला का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. अनिल कुमार सिन्हा, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, भूगोल विभाग, राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अंबिकापुर (सरगुजा) उपस्थित हुए। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और अतिथि के अभिनंदन एवं स्वागत के साथ की गई।
डॉ. अनिल कुमार सिन्हा ने अपने व्याख्यान में आज का विषय छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति और आधुनिकता की चुनौतियाँ ” जैसे महत्वपूर्ण विषय पर विस्तारपूर्वक विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का निर्माण एक लंबी ऐतिहासिक प्रक्रिया का परिणाम है, जो 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से विभाजित होकर एक नए राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। यह प्रदेश अपनी विशिष्ट लोक परंपराओं, वेशभूषा, बोली, लोकगीतों, लोकनृत्यों और लोकसंगीत के लिए जाना जाता है, जो इसकी सांस्कृतिक आत्मा को प्रकट करते हैं।
डॉ. सिन्हा ने बताया कि छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति केवल परंपरागत कला या उत्सव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह यहाँ के जनजीवन, सामाजिक संबंधों, धार्मिक आस्थाओं और सामुदायिक एकता की सजीव प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आधुनिकता के प्रभाव से जहाँ राज्य में नए अवसर और विकास के मार्ग खुले हैं, वहीं लोक संस्कृति के संरक्षण की चुनौतियाँ भी सामने आई हैं। आज के युवाओं को चाहिए कि वे आधुनिकता के साथ अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहें, क्योंकि यही हमारी असली पहचान और गर्व का विषय है।
उन्होंने सतत विकास के संदर्भ में कहा कि छत्तीसगढ़ ने कृषि, उद्योग, शिक्षा, पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है, परंतु विकास की इस दौड़ में लोक जीवन के मूल्यों और सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा भी समान रूप से आवश्यक है।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अंजन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक संस्कृति और आधुनिकता के मध्य संतुलन बनाना ही इस व्याख्यान माला का उद्देश्य है। उन्होंने डॉ. अनिल सिन्हा के विचारों की सराहना करते हुए कहा कि यह व्याख्यान विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक रहा, जिससे उन्हें अपने राज्य की सांस्कृतिक विरासत और विकास की दिशा में योगदान करने की प्रेरणा मिली।
अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अंजन सिंह द्वारा डॉ. अनिल सिन्हा को शाल, श्रीफल और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त सहायक प्राध्यापकगण — डॉ. पूजा दुबे, डॉ. सुमन पांडे, डॉ. रानी पांडे, श्रीमती चंदा सिंह, श्रीमती नीरु त्रिपाठी, श्रीमती श्वेता तिवारी — तथा सभी छात्र-छात्राओं की सक्रिय उपस्थिति और सहभागिता रही।
